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चित्रकूटधाम स्थल का नाम - रामघाट , मत्यगयन्द्रेनाथ , बालाजी मंदिर, कामदगिरि , भरतमिलाप, लक्ष्मण पहाड़ी ,देवांगना कोर्ट तीर्थ , हनुमानधारा, गुप्तगोदावरी, सती अनुसुइया आश्रम, स्फटिक शिला, राम दर्शन, आरोग्यधाम, जानकीकुण्ड, भरतकूप , माणवेन्द्र ऋशि आश्रम मड़फा ,गोस्वामी तुलसीदास जन्मस्थली राजापुर ,बालमीकि आश्रम लालापुर , गणेश बाग बावली ,शिव मंदिर रामनगर ,परानू बाबा बरगढ़ , मैहर मंदिर

मंदाकिनी नदी के किनारे पर बसा चित्रकूट धाम भारत के सबसे प्राचीन तीर्थस्थलों में एक है। उत्तर-प्रदेश में 38.2 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला शांत और सुन्दर चित्रकूट प्रकृति और ईश्वर की अनुपम देन है। चारों ओर से विन्ध्य पर्वत श्रृंखलाओं और वनों से घिरे चित्रकूट को अनेक आश्चर्यो की पहाड़ी कहा जाता है। मंदाकिनी नदी के किनार बने अनेक घाट और मंदिर में पूरे साल श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता है।

माना जाता है कि भगवान राम ने सीता और लक्ष्मण के साथ अपने वनवास के चौदह वर्षो में ग्यारह वर्ष चित्रकूट में ही बिताए थे। इसी स्थान पर ऋषि अत्री और सती अनसुइया ने ध्यान लगाया था। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने चित्रकूट में ही सती अनसुइया के घर जन्म लिया था।

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